Wednesday, November 23, 2016

रंग रंगीली

रंग रंगीली

मैं जब भी मम्मा को देखती हूँ तो वो दौड़ती भागती दिखती है ये बात अलग है बीच बीच में वो मुझे किस्सी और पुच्ची देती रहती है ,हर तीसरे सेंटेंस में बोलती है मैं तुम्हारी पिटाई कर दूँगी , पर करती नहीं ,पर क्या पता किसी दिन कर भी दे बस मैं दौड़कर गले लग जाती हूँ और मम्मा का गुस्सा उड़न छू।

आज भी मैंने मम्मा को बोला आपने मेरा ब्लॉग अपडेट नहीं किया तो बस वो बैठ गई अपडेट करने , आपको पता है मुझे कलर करना बहुत पसंद है मेरे पास ढेर सारे कलर है अब तक मैंने ३ बुक पूरी भर दी है कलर करते करते मेरे हाँथ दर्द होने लगते है पर मैं बोर नहीं होती।


पहले मुझे सिर्फ पिंक कलर ही समझ आता था पर अब मैं ढेर सारे कलर पहचान लेती हूँ ,धीरे धीरे करती हूँ और बाहर  भी नहीं निकालती , देख लो ,
पहले थोड़ा कलर बाहर आता था तो मम्मा नाराज़ होती थी ,उनको सब परफेक्ट चाहिए ,मैंने समझाया ,मैं तो सुन्दर ही बनाती हूँ 



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